अध्याय 561 कॉन्स्टेंटाइन, समझाने की परवाह है?

जैसे ही रेक्स के मुंह से ये शब्द निकले, गंजे आदमी का चेहरा मरोड़ गया। उसने अपना हाथ उठाया, रेक्स को मारने के लिए तैयार। "तुम्हें इसकी सजा मिलेगी!"

लेकिन झटके में, रेक्स ने उसकी कलाई पकड़ ली।

एक भयानक आवाज गूंजी—हड्डी खिसक गई। गंजा आदमी दर्द से चिल्लाया, उसका चेहरा लाल हो गया।

वह अपने दल की ओर मुड...

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